Rhnn शिमला: दीवाली के दौरान पटाखों के आग से झुलसने के कारण आधा दर्जन लोग अस्पताल पहुंचे. इसमें पांच लोगों के हाथ जले जबकि एक की चेहरे पर चिंगारी पड़ी थी। सभी मामले दीवाली की रात को अस्पतालों में पहुंचे। इन मामलों में रिपन अस्पताल में 4 जबकि आर्इजीएमसी में 2 मामले पहुंचे. 6 में से तीन युवा और तीन बच्चे है. इसमें एक 17 साल का युवक, जबकि दो 10 और 12 साल के बच्चे हैं। इसके अलावा तीन अन्य लोग जले हैं, जोकि 40 साल तक के है।
हालांकि इस दिवाली पर पटाखों से किसी को ज्यादा बर्न नहीं हुआ। रिपन और आईजीएमसी के आपातकाल में रात के समय अधिक मामले इलाज के लिए आए है। दोनों अस्पतालों में पहले ही अतिरिक्त डॉक्टरों की टीम तैनात की गई थी, ताकि मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधाएं मिले। इसके अलावा कुछ मामले निजी अस्पतालों में भी पहुंचे. आर्इजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज और रिपन के एमएस डॉ. रंजना राव ने मामले की पुष्टि की है।
पटाखों से जलने के रिपन और आईजीएमसी अस्पताल में मरीजों की तादाद पिछले वर्ष के मुकाबले कम माले अस्पताल आए. बीते वर्ष दोनों अस्पतालों में 10 मामले पहुंचे थे, तो वहीं इस साल मात्र 6 मामले आए हैं। बीते साल भी रिपन में 2 मामले बर्न के आए थे, जबकि इस वर्ष केवल 4 मामले आए हैं। इसी तरह आईजीएमसी में इस बार बर्न केसिस की संख्या कम हुर्इ है. पिछले साल 8 मामले बर्न के आए थे, जबकि इस साल मात्र 2 मामले पहुंचे. हालांकि इस वर्ष डीडीयू में 2 मामले बढ़ गए, जबकि आर्इजीएमसी में 6 घटे हैं। कोई भी गंभीर मामला बर्न का सामने नहीं आया है।