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जीर्णेद्धार के 10 महीने बाद ही टपकने लगा टाउन हॉल , कार्य सवालों के घेरे में

शिमला, RHNN : जीर्णेद्धार होने के बाद से ही विवादों मंे रहे टाउन हॉल में यू तो ताले लटके है। लेकिन भवन के अंदर पानी का रिसाव हो रहा है। 8 करोड़ रूपये खर्चे के बाद तैयार हुए शिमला का ऐतिहासिक टाउन हॉल में पानी के रिसाव से इसके जीर्णेद्धार की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे है, साथ ही खिड़कियों व दरवाजों पर लगा रंग भी धुल कर लगभग गायब ही हो गया है। देखरेख के अभाव के चलते शहर की खूबसूरत इमारतों में शूमार टाउन हॉल की दिवारों पर घास और फंगस उग गई है। वहीं मानसून के दौरान बारिश का पानी भवन के उपरी मंजिल के कमरों में भर गया हैं। जिसकी सूध लेने का समय किसी के पास नहीं है , जबकि तय शर्ता के अनुसार जीर्णेद्धार का काम करने वाले ठेकेदार को एक साल तक भवन की मेंटनेंस करनी है।

बता दें कि टाउन हॉल का मामला हाइ कोर्ट में विचारधीन है, कोई फैसला होने के बाद ही 10 महीनो से खाली पड़े टाउन हॉल दोबारा से उपयोग में आएगा। फिलहाल यह ऐतिहासिक खूबसूरत इमारत सैल्फी और फोटो खिंचवाने के काम ही आ रही है।

110 साल पुराने ऐतिहासिक टाउन हॉल के जीर्णोद्धार पर लगभग 8 करोड़ रूपय खर्च किए गए। टाउन हॉल के जीर्णोद्धार का शिलान्यास पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा 24 जून 2014 को किया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे जीर्णोद्धार के काम पर पहले भी सवाल उठते रहे है। वहीं चार साल के इंतजार के बाद बन कर तैयार हुए टाउन हॉल की दिवारें उद्घाटन के दिन से ही झड़ने लगी है। जिसके बाद अब भवन में पानी का रिसाव भी होने लगा है।

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