शिमला – प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की सहभागिता व निवेश को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य में सहभागिता योजना की अधिसूचना जारी की गई है। निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि इस योजना के अतंर्गत सरकारी क्षेत्रीय अस्पताल व आंचलिक अस्पताल अथवा योजना के तहत खोले गए अन्य निजी अस्पताल के 10 किलोमीटर के दायरे से बाहर कोई भी निजी स्वास्थ्य संस्थान खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि खोले जाने वाले बहु विशेषज्ञ अस्पताल के लिए दो करोड़ रुपए के निवेश पर 25 प्रतिशत पूंजीगत उपदान देने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त डेढ़ करोड़ रुपए के ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज उपदान 3 वर्ष के लिए दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुपर स्पैशिलिटि अस्पताल कहीं पर भी खोला जा सकता है। जिसमें 10 किलोमीटर की बाध्यता नहीं होगी तथा 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान 5 करोड़ रुपए के निवेश तक प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही सुपर स्पैशिलिटि अस्पताल के लिए 5 प्रतिशत इन्ट्रस्ट सब्सिडी 3 करोड़ रुपए के ऋण के लिए 3 वर्ष तक प्रदान की जाएगी। सुपर स्पैशिलिटि में कार्डीयोलोजी, न्यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी या अन्य कोई भी सुपर स्पैशिलिटि सर्विसस खोली जा सकती है। डॉ. गुप्ता ने निजी स्वास्थ्य सेवाओं प्रदाताओं से इस योजना के अतंर्गत अपनी अधिक सहभागिता बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि प्रदेश वासियों को घरद्वार के करीब उत्कृष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके और एक स्वस्थ प्रदेश का निर्माण किया जा सके।