शिमला – राजधानी शिमला में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए 8:30 बजे , गुरुवार सुबह मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। शहर में खतरे का सायरन बजा और लोग अपने घरों से बाहर निकले। सीटीओ भवन के पास पुलिस, सेना और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में लग गए। शहर में उस वक्त दहशत का माहौल बन गया, जब सायरन बजाती हुई एंबुलेंस घायलों को लेकर अस्पताल की ओर जाने लगी और पुलिस के साथ वॉलंटियर्स आपदा में फंसे लोगों को निकालने लगे, लेकिन कुछ ही देर में लोग समझ गए कि ये भूकंप जैसी कोई आपदा नहीं, बल्कि आपदा पूर्व तैयारी है।
गुरुवार को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन कमेटी द्वारा शिमला के 5 चिन्हित स्थानों पर भूकंप को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस पूर्व अभ्यास में सेना, आईटीबीपी, अर्ध सैनिक बल, गृह रक्षक, पुलिस, फायर सर्विसिज तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने बताया कि शिमला में आज डीसी ऑफिस, सचिवालय, रिज से लेकर आईजीएमसी तक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रिल से विभिन्न विभागों के डिजास्टर रिस्पांस प्लान की कमियों को भी दूर करने में सहायता मिलेगी। शिमला जिला में भूकंप या अन्य किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सेना, आईटीबीपी अर्ध सैनिक बल, गृहरक्षक, पुलिस, फायर सर्विसिज के 6000 प्रशिक्षित जवान उपलब्ध हैं।