Rhnn-शिमला से लगभग 100 किलोमीटर दूर, पब्बर नदी के किनारे हाटकोटी में महिषासुर र्मदिनी का पुरातन मंदिर बसा हे। जिसमें वास्तुकला, शिल्पकला के उत्कृष्ठ नमूनों के साक्षात दर्शन होते हैं। कहते हैं कि यह मंदिर 10वीं शताब्दी के आस-पास बना है। मुख्य द्वार से अन्दर जाने पर सामने तीन भवन है l जिनमे दांई तरफ का भवन मुख्य मन्दिर है l इसके अन्दर माता हाटेश्वरी की काफी बड़ी मूर्ति है l जो कांस्य व अष्ट धातु से बनी है l सारे भवन लकड़ी और पत्थर से निर्मित कलात्मक शिल्पकारी का अद्भुत नमूना है l सभी भवनों की छत स्लेट पत्थर द्वारा निर्मित है l मन्दिर के बिल्कुल बांये ओर बड़े-छोटे पत्थरों को तराश कर, छोटे-2 पांच कलात्मक मन्दिर बनाए गये है, जो बहुत ही अद्भुत व् अवस्मरणीय है l बताया जाता है कि इनका निर्माण पांडवों ने अपने अज्ञातवास के समय में किय था। माता हाटेश्वरी का मूल स्थान पहाड़ों में घने जंगल के मध्य खरशाली नामक जगह पर है lयहाँ एक यज्ञशाला भी है l और उसके साथ ही एक दोमंजिला अष्टभुजा भवन, श्रधालुओं के बैठने के लिए बनाया गया है l यहाँ बैठ कर आप पुरे मन्दिर को निहार सकते है l