स्वास्थ्य – आसान टिप्स और रोज़मर्रा की सलाह

स्वस्थ रहना इतना जटिल नहीं है जितना लोग सोचते हैं। छोटी‑छोटी आदतें जोड़ने से बड़े बदलाव आ सकते हैं। यहाँ हम आपके लिए रोज़मर्रा में अपनाए जा सकने वाले सरल स्वास्थ्य उपायों का सार लेकर आए हैं, ताकि आप बिना किसी झंझट के फिट और तंदुरुस्त रह सकें।

खाना‑पिना और पोषण

भोजन में विविधता रखनी सबसे बड़ी बात है। हर थाली में कम से कम तीन रंग के खाने शामिल करें – हरा पत्ता, लाल या पीला सब्जी, और जटिल कार्बोहाइड्रेट। इससे शरीर को विटामिन, खनिज और फाइबर मिलते हैं जो पाचन और ऊर्जा स्तर को स्थिर रखते हैं।

नाश्ते को नहीं छोड़ें; दो‑तीन घंटे बाद हल्का प्रोटीन जोड़ें, जैसे दही, पनीर या अंडा। यह मस्तिष्क को सतर्क रखता है और दिन भर खाने की लालसा को कम करता है। मिठाई या तले‑भुने स्नैक्स की बजाय फलों या भुने चने को चुनें – वही मीठा स्वाद, कम कैलोरी।

पानी की मात्रा को नजरअंदाज़ न करें। आम तौर पर 8‑10 कप पानी रोज़ पीना चाहिए, लेकिन हिमाचल की ठंडी हवा में सक्रिय रहने वाले लोग इसे और बढ़ा सकते हैं। पानी पिएँ, सोडा नहीं, क्योंकि सोडा में सोडियम और शर्करा अधिक होती है जो हृदय और दांत दोनों को नुकसान पहुँचा सकती है।

व्यायाम और मन की तंदुरुस्ती

जिम में घंटों बिताने की जरूरत नहीं। सुबह की सैर, कूद‑कूद कर खेलना, या घर के आसपास 15‑20 मिनट की तेज़ चाल बहुत असरदार है। यदि आप समय नहीं निकाल पाते तो घर में ही स्ट्रेचरूटीन या नीची‑ऊंची स्क्वैट्स कर सकते हैं। नियमित व्यायाम से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और तनाव कम होते हैं।

मनविज्ञानिक स्वास्थ्य भी शारीरिक से कम नहीं। अगर काम या पढ़ाई में तनाव महसूस हो रहा है तो पाँच‑सात मिनट की गहरी साँस‑लेना अभ्यास या ध्यान मदद कर सकता है। हर दिन रात को थोड़ा समय अपने दिल की बात लिखने में बिताएँ – यह तनाव को बाहर निकालता है और नींद को गहरा बनाता है।

हिमाचल में अक्सर ठंड या मौसमी एलर्जी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में घर में वर्जिन ऑइल के ड्रॉप्स या नींबू‑शहद की चाय से गले की जलन और सर्दी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। पर अगर लक्षण दो‑तीन दिन से अधिक रहे तो डॉक्टर से मिलना बेहतर है।

अंत में याद रखें, स्वास्थ्य एक सतत यात्रा है, मंज़िल नहीं। छोटे‑छोटे कदमों से शुरू करें, और धीरे‑धीरे अपनी दिनचर्या में बदलाव लाएँ। कभी‑कभी अपना पुराना खाना जैसी आदतें बदलना कठिन लगता है, पर धैर्य और निरंतरता से आप अपने शरीर को मजबूत बना सकते हैं।

राशि हिमांचल पर इन टिप्स को अपनाएँ और अपने स्वास्थ्य को एक नई ऊँचाई पर ले जाएँ। आपके सवाल, सुझाव या सफलता की कहानी कमेंट में बताइए – हम सब मिलकर स्वस्थ जीवन की राह आसान बनाएँगे।

alt 2 मार्च 2023

क्यों भारतीय भोजन इतना स्वास्थ्यकर है?

भारतीय भोजन का स्वास्थ्यकर प्रभाव इतना है क्योंकि यह अत्यधिक मात्रा में विभिन्न भोजन पदार्थों को शामिल करता है जैसे गोभी, दाल, मूंगफली, चना, सोया आदि। यह सभी आहार पदार्थों से अपनी तरह से पोषण तत्व प्रदान करते हैं जो मानव शरीर के लिए जरूरी हैं। भोजन में शामिल होने वाले अन्य आहार पदार्थों में भी विशेष पोषण तत्व हैं जैसे विटामिन्स, मीनरल आदि। भारतीय खाद्य प्रस्ताव भी यहां है कि एक स्वादिष्ट आहार पर कम ध्यान देना चाहिए।