ITR deadline extension 2025: क्या बदल रहा है?
यदि आप 2025 का आयकर रिटर्न फाइल करने की सोच रहे हैं, तो आपको इस साल की समयसीमा में बदलाव का ध्यान रखना होगा। सरकार ने कुछ कारणों से अंतिम तारीख को आगे बढ़ा दिया है। इसका मतलब है कि आप अब थोड़ा समय लेकर अपने दस्तावेज़ तैयार कर सकते हैं, लेकिन फिर भी देरी से फाइल करने पर पेनल्टी लग सकती है। चलिए जानते हैं कौन सी नई तारीखें है और कैसे सही समय पर फाइल कर सकते हैं।
नई अंतिम तिथि कब है?
सूत्रों के अनुसार, 2025 के ITR की मूल अंतिम तिथि 31 जुलाई थी, लेकिन इसे अब 15 अगस्त कर दिया गया है। अगर आप प्रोफेशनल (CA/EA) की मदद ले रहे हैं, तो आपके लिए सीमा 30 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। यह विस्तार उन लोगों के लिए है जो अभी भी दस्तावेज़ जमा नहीं कर पाए, खासकर छोटे व्यापारी और फ्रीलांसर। ध्यान रहे कि इस नई तिथि के बाद फाइल करने से इंटरेस्ट और पेनल्टी लग सकती है।
देर से दाखिल करने पर क्या पेनल्टी है?
अगर आप 15 अगस्त के बाद रिटर्न फाइल करते हैं, तो सरकार 1% प्रति माह का इंटरेस्ट लेती है, लेकिन अधिकतम 25% तक। इसके अलावा, यदि आपने टॅक्स की राशि नहीं भरी है, तो लेट फी लग सकती है। इसलिए जितना जल्दी संभव हो, रिटर्न फाइल कर लेना बेहतर है। आप अपनी रिफंड की प्रोसेसिंग भी जल्दी देख सकते हैं, क्योंकि देर से फाइल करने पर रिफंड में देरी हो सकती है।
इसे आसान बनाने के लिए, अपने सभी फॉर्म 16, फॉर्म 26AS और बैंक स्टेटमेंट्स पहले से इकट्ठा कर लें। डिजिटल रूप में इन्हें सुरक्षित रखें, जिससे डेटा एंट्री में समय कम लगेगा। अगर आप अभी तक एस्टिमेटेड टैक्स नहीं भर पाए हैं, तो अब डालें, ताकि पेनल्टी कम हो।
कौन-कौन से लोग इस विस्तार से लाभ उठा सकते हैं?
छोटे व्यापारियों, फ्रीलांसर, स्टार्टअप संस्थापकों और उन लोगों को इस एक्सटेंशन से फायदा होगा जो साल के मध्य में आय की घोषणा नहीं कर पाते। साथ ही, अगर आपने पहले साल में तकनीकी समस्या या सिस्टम डाउनटाइम की वजह से फाइल नहीं कर पाए, तो अब आपको समय मिल गया है। पर याद रखें, अगर आप बड़े टैक्सपेयर हैं और आय 1 करोड़ से ऊपर है, तो आपको सबसे पहले फाइल करना पड़ता है, क्योंकि वे अक्सर अलग नियमन के तहत होते हैं।
सभी टैक्सपेयरों को सलाह है कि इस नई अंतिम तिथि को ध्यान में रखकर एक चेकलिस्ट बनाएं। टास्क को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटें: दस्तावेज़ इकट्ठा करना, आय की गणना, टैक्स बचत की योजना और अन्त में फाइल करना। इससे तनाव कम होगा और रिटर्न सही समय पर जमा हो जाएगा।