ITR डेडलाइन 2025 – सितंबर 2025 में क्या बदल रहा है?

जब हम बात करते हैं ITR डेडलाइन 2025, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न जमा करने की अंतिम तारीख. इसे अक्सर आयकर रिटर्न अंतिम तिथि भी कहा जाता है, तो ये समझना जरूरी है कि यह अवधि कैसे विभिन्न घटकों के साथ जुड़ी है। सबसे पहले आयकर पोर्टल, इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग के लिए सरकारी वेबसाइट की तकनीकी स्थिति सीधे डेडलाइन को प्रभावित करती है। दूसरा प्रमुख घटक फॉर्म 26AS, टैक्सपेयर की आय एवं कटौतियों का वार्षिक विवरण है, क्योंकि कई लोग इस डेटा के बिना रिटर्न नहीं भर पाते। अंत में बिलटर्ड रिटर्न जुर्माना, समय सीमा के बाद फाइलिंग पर लगने वाला दंड तय करता है कि देर से फाइल करने की लागत कितनी होगी। इन तीनों (आयकर पोर्टल, फॉर्म 26AS, जुर्माना) के बीच सीधा संबंध है: पोर्टल की गड़बड़ी फॉर्म 26AS तक पहुंच में बाधा बनती है, जिससे देर से जमा करने पर जुर्माना बढ़ जाता है। यही कारण है कि कई पेशेवर 15 अक्टूबर तक विस्तार की मांग कर रहे हैं।

सितंबर 2025 में उभरे मुख्य मुद्दे

सितंबर 2025 तक 6.29 करोड़ रिटर्न भरे जा चुके हैं, जबकि लक्ष्य लगभग 8 करोड़ है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि लगभग 22 प्रतिशत टैक्सपेयर अभी भी फॉर्म भरने की प्रक्रिया में हैं। पोर्टल में AIS/26AS एक्सेस की समस्या, नई फ़ॉर्म संरचना, और ई-फ़ाइलिंग का आधा रास्ता अभी भी अनसुलझा है। इन चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक विस्तार नहीं दिया, इसलिए समय पर फाइलिंग करना न केवल रिफंड को तेज़ करता है, बल्कि जुर्माने से बचाव भी देता है। अगर आप अभी भी नहीं जानते कि फ़ॉर्म में क्या बदल रहा है, तो ध्यान दें: नया फ़ॉर्म अब टैक्स डिडक्टेड सोर्स (TDS) विवरण को अलग सेक्शन में रखता है, जिससे डेटा को मिलाना आसान हो जाता है।

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि देर से जमा करने पर लागू होने वाला जुर्माना पहले से ही 10,000 रुपये तक बढ़ा दिया गया है, अगर रिटर्न 30 सितंबर के बाद फाइल होता है। यह दंड केवल आर्थिक असर नहीं डालता, बल्कि आगे के ऑडिट प्रोसेस को भी जटिल बना सकता है। इसलिए, अगर आप समय पर नहीं जमा कर पाए तो जल्दी से जल्दी पोर्टल की स्थिति जांचें, फॉर्म 26AS डाउनलोड करें, और यदि आवश्यक हो तो पेनाल्टी को कम करने के लिए रिवर्स्ड चार्जेज का उपयोग करें।

आगामी महीनों में क्या अपेक्षित है? सरकार के आयकर विधायी अपडेट के अनुसार, अगर पोर्टल में स्थायी सुधार नहीं आया, तो अतिरिक्त 5 दिन का तकनीकी विस्तार प्रस्तावित हो सकता है। साथ ही, बड़ी कंपनियों को अब अपने 26AS डेटा को स्वचालित रूप से सिस्टम में इंटीग्रेट करने की नई दायित्व होगी, जिससे छोटे टैक्सपेयरों को भी डेटा शुद्धता में लाभ मिलेगा। इस बदलाव से फाइलिंग की सटीकता बढ़ेगी और समय पर रिटर्न जमा करने की संभावना अधिक होगी। इसलिए, इस महीने के अपडेट को समझना और अपने दस्तावेज़ तैयार रखना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

निचोड़ यह है कि ITR डेडलाइन 2025 का विस्तृत समझ आप को सिर्फ़ टैक्स बचाने में नहीं, बल्कि डिजिटल प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा करने में भी मदद करेगा। नीचे आप इस महीने की मुख्य खबरें, फ़ॉर्म अपडेट, और संभावित विस्तार की चर्चा देखेंगे, जिससे आप अपना फाइलिंग प्लान बना सकेंगे। अब नीचे आप इन सभी बिंदुओं से जुड़े विस्तृत लेख और विश्लेषण पढ़ सकते हैं।

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ITR Deadline Extension 2025: क्या तारीख फिर बढ़ेगी? पोर्टल गड़बड़ियाँ, नए फ़ॉर्म और जुर्माने का पूरा अपडेट

AY 2025-26 के लिए ITR की मौजूदा आख़िरी तारीख 15 सितंबर है. 14 सितंबर तक 6.29 करोड़ रिटर्न भरे जा चुके हैं, जबकि लक्ष्य करीब 8 करोड़ का है. पोर्टल की तकनीकी दिक्कतें, AIS/26AS एक्सेस में समस्या और नए फ़ॉर्म बदलावों के बीच पेशेवर 15 अक्टूबर तक बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. सरकार से फिलहाल आगे बढ़ाने के संकेत कमजोर हैं. समय पर फाइलिंग से रिफंड तेज और जुर्माने से राहत मिलती है.